शाम कि तनहाइयो में,
रात कि गहराइयो में,
कठिनाइयो के धुंधलके में,
कभी ना घबराना आप,
चाहे खडे पहाड़ हो या,
हो उंचे नीचे पथरीले रास्ते,
कभी ना रूक जाना आप,
आग के इस दरिया को,
कर जायोगी पार आप,
ये है मुझे पुरा विश्वास,
जिंदगी के हर उस मोड़,
पर आप मुझे,
हमेशा अपने साथ पायोगी,
जनमदिन के इस,
शुभ अवसर पर,
मिले खुशियाँ आपको,
ढ़ेर सार्री,
इससे बड़ा आपके,
जीवन में हो,
नही सकता बड़ा,
कोई भी उपहार,
मेरी तरफ से,
आपको इस
जन्मदिन पर,
ढ़ेर सारा,
प्यार।
लेखक :-
अधर कुमार रस्तोगी
Saturday, September 15, 2007
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